jagjit singh parakhana mat şarkı sözleri

परखना मत परखना मे कोई अपना नही रहता परखना मत परखना मे कोई अपना नही रहता किसी भी आईने मे डियर तक चेरा नही रहता परखना मत परखना मे कोई अपना नही रहता बड़े लोगो सो मिलने में हमेशा फासला रखना बड़े लोगो सो मिलने में हमेशा फासला रखना जहा दरिया समंदर से मिला दरिया नही रहता परखना मत परखना मे कोई अपना नही रहता तुम्हारा शार तो बिल्कुल नये अंदाज़ वाला है तुम्हारा शार तो बिल्कुल नये अंदाज़ वाला है हमारे शार मे भी अब कोई हंसा नही रहता परखना मत परखना मे कोई अपना नही रहता मोहबत एक खुसबु है हमेशा साथ चलती है कोई इंसान तन्हाई मे भी तन्हा नही रहता परखना मत परखना मे कोई अपना नही रहता किसी भी आईने मे डियर तक चेरा नही रहता परखना मत परखना मे कोई अपना नही रहता
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 5:06
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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