jagjit singh phir kuchh is dil ko beqarari hai şarkı sözleri
फिर कुछ इक दिल को बेक़रारी है
फिर कुछ इक दिल को बेक़रारी है
सीना जोया ए ज़ख़्म ए कारी है
फिर कुछ इक दिल
फिर जिगर खोदने लगा नाख़ुन
आमद ए फ़स्ल ए लाला कारी है
फिर कुछ इस दिल
फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं
फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं
फिर वही ज़िन्दगी हमारी है
फिर कुछ इक दिल
बेख़ुदी बे सबब नहीं ग़ालिब
कुछ तो है जिस की पर्दादारी है
फिर कुछ इक दिल को बेक़रारी है