jagjit singh raakh ke dher ne şarkı sözleri

कोई गेसू कोई आँचल हमे आवाज़ ना दे अब किसी आँख का काजल हमे आवाज़ ना दे हम हैं खामोश तो खामोश ही रहने दो हमे कोई आहट कोई हल-चल हमें आवाज़ ना दे हमने तन्हाई को महबूब बना रखा है राख के ढेर में शोलों को दबा रखा है फिर पुकारा है मोहब्बत ने हमें क्या कीजे दी सदा हुस्न की जन्नत ने हमें क्या कीजे जिसके साये से भी अक्सर हमें डर लगता था छु लिया फिर उसी हसरत ने हमे क्या कीजे हमने जज़्बात से दामन को बचा रखा है राख के ढेर में शोलों को दबा रखा है रास आए ना कभी प्यार के हालात हमें दिल के इस खेल में हर बार हुई मात हमें क्या करेंगे, कहा जायेंगे किधर जायेंगे दे गई जब भी दगा गर ये मुलाकात हमें बस इसी सोंच ने हमें दीवाना बना रखा है राख के ढेर में शोलों को दबा रखा है फिर पुकारा है मोहब्बत ने हमें क्या कीजे
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 3:42
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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