jagjit singh sacchi baat şarkı sözleri

सच्ची बात कही थी मैंने सच्ची बात कही थी मैंने लोगों ने सूली पे चढ़ाया मुझको ज़हर का जाम पिलाया फिर भी उनको चैन न आया सच्ची बात कही थी मैंने सच्ची बात कही थी मैंने ले के जहाँ भी वक़्त गया है ज़ुल्म मिला है, ज़ुल्म सहा है सच का ये ईनाम मिला है सच्ची बात कही थी मैंने सच्ची बात कही थी मैंने सबसे बेहतर कभी न बनना जग के रहबर कभी न बनना पीर पयंबर कभी न बनना सच्ची बात कही थी मैंने सच्ची बात कही थी मैंने चुप रहकर ही वक़्त गुज़ारो सच कहने पे जां मत वारो कुछ तो सीखो मुझसे यारों सच्ची बात कही थी मैंने सच्ची बात कही थी मैंने सच्ची बात कही थी मैंने
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 3:51
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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