jagjit singh sachhi baat kahi thi şarkı sözleri
सच्ची बात कही थी मैने
सच्ची बात कही थी मैने
लोगों ने सूली पे चढ़ाया
मुझ को ज़हर का जाम पिलाया
फिर भी उन को चैन ना आया
सच्ची बात कही थी मैने
सच्ची बात कही थी मैने
ले के जहाँ भी, वक़्त गया है
ज़ुल्म मिला है, ज़ुल्म स्साहा है
सच का ये इनाम मिला है
सच्ची बात कही थी मैने
सच्ची बात कही थी मैने
सब से बेहतर कभी ना बन ना
जाग के रहबार कभी ना बन ना
पियर पायांबर कभी ना बन ना
सच्ची बात कही थी मैने
सच्ची बात कही थी मैने
च्छूप रह कर ही वक़्त गुज़रो
सच कहनेपे जान मत वरो
कुछ तो सीखो मुझ से यारो
सच्ची बात कही थी मैने
सच्ची बात कही थी मैने
सच्ची बात कही थी मैने