jagjit singh samajte the şarkı sözleri

समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने चराग़ों को जलाने में जला ली उंगलियाँ हमने समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने कोई तितली हमारे पास आती भी तो क्या आती कोई तितली हमारे पास आती भी तो क्या आती सजाये उम्र भर कागज़ के फूल और पत्तियाँ हमने चराग़ों को जलाने में जला ली उंगलियाँ हमने समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने यूँ ही घुट घुट के मर जाना हमें मंज़ूर था लेकिन यूँ ही घुट घुट के मर जाना हमें मंज़ूर था लेकिन किसी कमज़र्फ़ पर ज़ाहिर ना की मजबूरियाँ हमने चराग़ों को जलाने में जला ली उंगलियाँ हमने समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने हम उस महफ़िल में बस इक बार सच बोले थे ऐ वाली हम उस महफ़िल में बस इक बार सच बोले थे ऐ वाली ज़बाँ पर उम्र भर महसूस की चिंगारियाँ हमने चराग़ों को जलाने में जला ली उंगलियाँ हमने समझते थे मगर फिर भी ना रखी दूरियाँ हमने
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 5:49
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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