jagjit singh savera hai şarkı sözleri

सवेरा हैं मगर, पूरब दिशा में घिर रहे बादल सवेरा हैं मगर, पूरब दिशा में घिर रहे बादल रुई से भूधल के में रुई से भूधल के में, मील के पत्थर पड़े घायल सवेरा हैं मगर, पूरब दिशा में घिर रहे बादल ठिठके पाँव ओझल गाँव आ आ आ आ आ ठिठके पाँव ओझल गाँव, जड़ता हैं ना गति मयेता जड़ता हैं ना गति मयेता स्वयं को दूसरों की, दृष्टि से मै देख पाता हूँ ना मैं चुप हूँ ना गाता हूँ, ना मैं चुप हूँ ना गाता हूँ सवेरा हैं मगर, पूरब दिशा में घिर रहे बादल हम्म हम्म हम्म हम्म, हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म, हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म समय की सर्द साँसों ने, चनारों को झूलस डाला समय की सर्द साँसो ने, चनारों को झुलस डाला मगर हिमपात को देती, चुनौती एक द्रुवमहा बिखरे मीड़ आ आ आ आ आ विहसी झील आ आ आ आ आ बिखरे मीड़, विहसी झील आँसू है ना मुस्काने , आँसू है ना मुस्काने हिमानी झील के तट पर, अकेला गुनगुाता हूँ ना मैं चुप हूँ ना गाता हूँ, ना मैं चुप हूँ ना गाता हूँ सवेरा हैं मगर, पूरब दिशा में घिर रहे बादल रुई से भूधल के में रुई से भूधल के में, मिलके पत्थर पड़े घायल सवेरा हैं मगर, पूरब दिशा में घिर रहे बादल ना मैं चुप हूँ ना गाता हूँ ना मैं चुप हूँ ना गाता हूँ
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 6:13
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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