jagjit singh sehma sehma şarkı sözleri

शाम से आज साँस भारी है बेक़ारारी है बेक़ारारी है आपके बाद हर घड़ी हुँने आपके साथ ही गुज़ारी है सहमा सहमा डरा सा रहता है सहमा सहमा डरा सा रहता है जाने क्यूँ जी भरा सा रहता हैं जाने क्यूँ जी भरा सा रहता हैं सहमा सहमा डरा सा रहता है इश्क़ में और कुच्छ नही होता इश्क़ में और कुच्छ नही होता आदमी बावरा सा रहता हैं आदमी बावरा सा रहता हैं जाने क्यूँ जी भरा सा रहता हैं जाने क्यूँ जी भरा सा रहता हैं सहमा सहमा डरा सा रहता है एक पल देख लून तो उठता हूँ एक पल देख लून एक पल देख लून तो उठता हूँ झल गया सब ज़रा सा रहता हैं झल गया सब ज़रा सा रहता हैं जाने क्यूँ जी भरा सा रहता हैं जाने क्यूँ जी भरा सा रहता हैं सहमा सहमा डरा सा रहता है चाँद जब आसमान पे आ जाए चाँद जब आसमान पे आ जाए आपका आश्रा सा रहता हैं आपका आश्रा सा रहता हैं जाने क्यूँ जी भरा सा रहता हैं जाने क्यूँ जी भरा सा रहता हैं सहमा सहमा डरा सा रहता है सहमा सहमा डरा सा रहता है
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 6:04
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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