jagjit singh shayad aa jayega saqi ko şarkı sözleri

शायद आ जायेगा साकी को तरस अब के बरस शायद आ जायेगा साकी को तरस अब के बरस मिल ना पाया है उन आँखों का भी रस अब के बरस शायद आ जायेगा साकी को तरस अब के बरस ऐसी छायी थी कहाँ गम की घटायें पहले ऐसी छायी थी कहाँ गम की घटायें पहले हाँ मेरे दिदाय तर खूब बरस अब के बरस शायद आ जायेगा साकी को तरस अब के बरस उफ़ वो उन उम्मद भरी आँखों के छलकते हुये जाम उफ़ वो उन उम्मद भरी आँखों के छलकते हुये जाम बढ़ गयी और भी पीने की हवस अब के बरस शायद आ जायेगा साकी को तरस अब के बरस पहले ये कब था कि वो मेरे है मैं उनका हूँ पहले ये कब था कि वो मेरे है मै उनका हूँ उनकी यादों ने सताया है तो बस अब के बरस शायद आ जायेगा साकी को तरस अब के बरस मिल ना पाया है उन आँखों का भी रस अब के बरस शायद आ जायेगा साकी को तरस अब के बरस
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 7:05
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
Jagjit Singh hakkında bilgi girilmemiş.

Fotoğrafı