jagjit singh tumne sooli pe latakte jise dekha hoga şarkı sözleri

तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा वक्‍त आयेगा यही शख्स मसीहा होगा वक्‍त आयेगा यही शख्स मसीहा होगा तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा ख्वाब देखा था कि सेहरा में बसेरा होगा ख्वाब देखा था कि सेहरा में बसेरा होगा क्या ख़बर थी कि वही ख़्वाब तो सच्चा होगा वक्‍त आयेगा यही शख्स मसीहा होगा तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा मैं फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा खुशबू बनकर मैं फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा खुशबू बनकर रंग होगा ना बदन होगा ना चेहरा होगा वक्‍त आयेगा वही शख्स मसीहा होगा तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 4:10
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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