jagjit singh unki hasrat hai jise dil se mita bhi na sakoon şarkı sözleri
उसकी हसरत है जैसे
दिल से मिटा भी ना सकून
उसकी हसरत है जैसे
दिल से मिटा भी ना सकून
ढूंढ़ने उसको चला हूं
जिसे पा भी ना सकून
उसकी हसरत है
जैसे दिल से मिटा भी ना सकू
मेहरबान होके बुला लो
मुझे चाहो जिस वक्त
मेहरबान होके बुला लो
मुझे चाहो जिस वक्त
मैं गया वक्त नहीं हूं
के फिर आ भी ना सकू
मेहरबान होके बुला लो
मुझे चाहो जिस वक्त
दाल कर खाक मेरे
खून पे कातिल ने कह
कुछ ये मेहंदी नहीं
मेरी के छुपा भी ना सकून
उसकी हसरत है जिसे दिल से
मिता भी ना सकून
ज़ौफ़ में ता माये
अगियार का शिकवा क्या है
ज़ौफ़ में ता माये
अगियार का शिकवा क्या है
बात कुछ सर तो नहीं है
के उठा भी ना सकून
मैं गया वक्त नहीं हूं
के फिर आ भी ना सकून
मेहरबान होके बुला लो
मुझे चाहो जिस वक्त
ज़बत कंबख्त ने और
आके गाला घोंटा है
के यूज हाल सुनावूं
सुन भी ना सकून
उसकी हसरत है जैसे
दिल से मिटा भी ना सकून
ज़हर मिलता ही नहीं
मुझको सीतामगर वारना
ज़हर मिलता ही नहीं
मुझको सीतामगर वारना
क्या कसम है तेरे
मिलने की खा भी ना सकून
क्या कसम है तेरे
मिलने की खा भी ना सकून
मेहरबान होके बुला लो
मुझे चाहो जिस वक्त
उसके पहलों में जो ले
जाके सुला दून दिल को
नींद ऐसी यूज आए के
जगा भी ना सकून
उसकी हसरत है जिसे दिल से
मिता भी ना सकून
मैं गया वक्त नहीं हूं
के फिर आ भी ना सकून
उसकी हसरत है जिसे दिल से
मिता भी ना सकून