jagjit singh zulmat kade mein mere şarkı sözleri

ज़ुल्मत-कदे में मेरे ज़ुल्मत-कदे में मेरे, शब-ए-ग़म का जोश है इक शम’आ है दलील-ए-सहर, सो ख़मोश है दाग़-ए-फ़िराक़-ए-सोहबत-ए-शब की जली हुई दाग़-ए-फ़िराक़-ए-सोहबत-ए-शब की जली हुई इक शम’आ रह गई है, सो वो भी खामोश है ज़ुल्मत-कदे में मेरे, शब-ए-ग़म का जोश है आते हैं ग़ैब से, ये मज़ामीं ख़याल में आते हैं ग़ैब से, ये मज़ामीं ख़याल में ग़ालिब, सरीर-ए-ख़ामा नवा-ए-सरोश है ज़ुल्मत-कदे में मेरे, शब-ए-ग़म का जोश है इक शम’आ है दलील-ए-सहर, सो ख़मोश है ज़ुल्मत-कदे में मेरे, शब-ए-ग़म का जोश है
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 3:48
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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