jaidev commentary and yeh wohi geet hai jisko maine şarkı sözleri
मगर गुड़ी जया का गीत
"बोले रे पपीहरा" गाने वाली
बनी जयराम तो कुछ ही अरसे के बाद मुंबई के बॉलीवुड को छोड़ के मद्रास की फिल्मों में पहुँच गईं
और वहाँ की आयीं सुपर सिंगिंग स्टार बन गईं
अच्छा वैसे, गुड़ी के संगीतकार वो थे, भाईयों और बहनों
जिनकी शोहरत कुछ-कुछ ढलने लगी थी तब तक
यानी गज़ब के सीनियर म्यूज़िक डायरेक्टर बसंत देसाई
उस साल एक और बड़े ही गुणी सुरों के जन्मदाता जयदेव की एक फिल्म आई
पर ज़्यादा नहीं चल पाई
मगर उस फिल्म में, मान जाइए कि
एक और बहुत ही बढ़िया गीत के बिना तो हमारी गीतमाला की छाया अधूरी रह जाएगी
कौन सा गीत?
ये वही गीत है जिसको मैने धड़कन में बसाया है
ये वही गीत है जिसको मैने धड़कन में बसाया है
तेरे होंठों से इसको चुराकर होंठों पे सजाया है
ये वही गीत है जिसको मैने धड़कन में बसाया है
ये वही गीत है ये वही गीत है
मैने ये गीत जब गुन-गुनाया
सज गई है खयालों की महफ़िल
मैने ये गीत जब गुन-गुनाया
सज गई है खयालों की महफ़िल
प्यार के रंग आँखों में छाये
प्यार के रंग आँखों में छाये
मुस्कुराई उजालों की महफ़िल
प्यार के रंग आँखों में छाये
मुस्कुराई उजालों की महफ़िल
मुस्कुराई उजालों की महफ़िल
ये वो नग़मा है जो ज़िंदगी में
रोशनी बनके आया है
तेरे होंठों से इसको चुराकर होंठों पे सजाया है
ये वही गीत है ये वही गीत है
हो हो
हो हो
मेरे दिल ने यही गीत गाकर
जब कभी तुझको आवाज़ दी है
मेरे दिल ने यही गीत गाकर जब कभी तुझको आवाज़ दी है
फूल ज़ुल्फ़ों में अपनी सजाकर
फूल ज़ुल्फ़ों में अपनी सजाकर
तू मेरे सामने आ गई है
फूल ज़ुल्फ़ों में अपनी सजाकर
तू मेरे सामने आ गई है
तू मेरे सामने आ गई है
तुझे अक़्सर मेरी बेखुदी ने
सीने से लगाया है
तेरे होंठों से इसको चुराकर होंठों पे सजाया है
ये वही गीत है जिसको मैने धड़कन में बसाया है
तेरे होंठों से इसको चुराकर होंठों पे सजाया है
ये वही गीत है ये वही गीत है
और साहबअब्ब मैं छायो से चुरा क्र इक और गीत पेश करता हु
जो १९७१ में ज्यादा नहीं चला मगर उसके करीब उसके १५ साल बाद से अज्ज तक जब भी
किसी रेडियो या tv स्टेशन पर बजता है न तो नौजवान लड़के लड़किआ खड़े हो के डांसकरना शुरू करना क्र देते हैं
आप भी करेंगे जरूर

