jaidev main zindagi ka saath nibhata chala gaya hum dono [commentary] şarkı sözleri
अच्छा अब सुनिए इक और बड़े गुनी बड़े भावुक
संगीतकार के बारे में बहनो और भाईओ ये थे Jaidev
जो पहले नवकिरतं के लिए उस्ताद अली खान के असिस्टेंस बने
८ फिल्मो में ऐस डी ब्रह्मण को असिस्ट किआ
और ३ छोटी फिल्म में खुद music देने के बाद उन्हें
उनकी ज़िंदगी की सबसे कामयाब फिल्म मिली हम दोनों
जिसने १९६१ में तो धूम मचा दी साहिब
उस फिल्म के २ गीत काफी ऊपरबजे थे गीतमाला की सलाना सीडी पर
मगर ३ गीत जो छाँह में रह गए उनमे से इक था
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
यस देवानंद साहब
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा
बरबादियों का शोक मनाना फ़जूल था
बरबादियों का शोक मनाना फ़जूल था
मनाना फ़जूल था मनाना फ़जूल था
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
मुकद्दर समझ लिया मुकद्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
न महसूस हो जहाँ न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
और अब हमे साथ निभा रहे १९६१ की
८ और hit गीतों का

