k. mohan bulawa aaya re şarkı sözleri
अरे रे आज ये बुलावा आया रे (अरे रे आज ये बुलावा आया रे)
अरे रे तन से है छूटा साया रे (अरे रे तन से है छूटा साया रे)
ओ हो कहाँ ये डगर चली है कोई जाने ना (कहाँ ये डगर चली है कोई जाने ना)
ओ हो बदली जो सूरत कोई पहचाने ना (बदली जो सूरत कोई पहचाने ना)
रहे पीछे सारे रिश्ते नाते सब भले (रहे पीछे सारे रिश्ते नाते सब भले)
ओ हो राही ये राह पकड़ अब चला ही चले (राही ये राह पकड़ अब चला ही चले)
अरे रे आज ये बुलावा आया रे (अरे रे आज ये बुलावा आया रे)
अरे रे कैसा ये बुलावा आया रे (अरे रे आज ये बुलावा आया रे)
क्यूँ है ये बुलावा आया रे
रस्ते, गलियाँ, घर के कोने, वहीं रह गए (रस्ते, गलियाँ, घर के कोने, वहीं रह गए)
हम भी यहाँ थे अपने कोई ना कहे (हम भी यहाँ थे अपने कोई ना कहे)
साँसों की माला बिख़री, कैसे ये बुने (साँसों की माला बिख़री, कैसे ये बुने)
गाए थे जो गीत पुराने, कोई ना सुने (गाए थे जो गीत पुराने, कोई ना सुने)
अरे रे अरे रे (अरे रे अरे रे)
अपना है कितना अपना रे (अपना है कितना अपना रे)
आख़िर इस रीत को जाना रे (आख़िर इस रीत को जाना रे)
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ