kabeer sabharwal kaun mera (kabeer sabharwal) şarkı sözleri
नज्म नज्म लिखूं मेरी जोग मेरा ये
पर्दा पर्दा रखू़ं बीता रोज मेरा मै
कोई ना पूछे कोई ना सुने रोग मेरा के
कल भी यहीं था अभी यहीं हूं कौन मेरा..
बोलो कौन मेरा ..
यहां कौन मेरा ..
पूछूं कौन मेरा..
पूछूं मैं उनसे ये
काबिल जो कहते मुझे
चाहूं के जवाब वो दें
सपने देके रखे शर्तें
मिलती है जो तारीफें
सारी लगें जाली रे
सपने मेरे भारी से
जेबें मेरी खाली हैं
ओहो एक और टूटा कलाकार तेरा भी
कुछ नहीं हो रहा क्या भाई
भाई रैप का ट्रेंड है रैप कर
और आजकल अपनी बात बतानी है ना तो यह बढ़िया तरीका है
क्योंकि पब्लिक को भी यही समझ में आता है
अच्छा लेटस् ट्राई...
लिखूंगा ये भी मैं गाऊंगा ये भी मैं पब्लिक को चाहिए मजा
मेरा जो मन बोले करना वो चाहूं तो देते ना उसकी रज़ा
कुछ बोलेंगे तूने किया ही क्या जो तू मुंह खोले इतना बड़ा
उनको बोलूं अकेला नहीं हूं मैं भीड़ में मेरे ही जैसों कि मैं हूं खड़ा
गायक बनूंगा या नायक बनूंगा नालायक नहीं हूं पता
ढेर लगा दूं मैं गानों का ग़र कोई हाथ बढ़ा दे जरा
सीख लिया है कि जो भी है करना वो खुद ही है करना यहां
राजा हूं अपनी किस्म का सब कर लूंगा भाई पॉजिटिव बड़ा...

