kailash kher daulat shohrat şarkı sözleri

दौलत शोहरत क्या करनी तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है दौलत शोहरत क्या करनी तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है ये महल अटारी नही चईये ये महल अटारी नही चईये तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है दौलत शोहरत क्या करनी तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है मेरे सनम मुझे तेरी क़सम मेरी जन भी तू ईमान भी तू तेरे दम से है मेरा दम जान भी तू अंजान भी तू पैसा बैसा क्या करना मुझे पैसा बैसा क्या करना मुझे तेरा नज़ारा काफ़ी है दौलत शोहरत क्या करनी तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है ये महल अटारी नही चईये ये महल अटारी नही चईये तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है प्यार मुहब्बत से दुनिया में कुछ बढ़कर होता भी नहीं दौलत जाऐ तो जाऐ कोई प्यार बिना, रोता भी नहीं ऐशो मसर्रत नई चईए मुहो ऐशो मसर्रत नई चईए तेरे नाम का सहारा काफ़ी है दौलत शोहरत क्या करनी तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है प्यार तो हे एहसास जहाँ का पर वो जीते बीएस जो हारे खेल नहीं कोई शर्त नहीं एक आग तो हे जलता जाए ताज हकूमत नहीं चाहिए मुझे ताज हकूमत नहीं चाहिए तेरे नाम का सहारा काफी हे दौलत शोहरत क्या करनी तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है ये महल अटारी नही चईये तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है दौलत शोहरत क्या करनी क्या करनी क्या करनी
Sanatçı: Kailash Kher
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 6:22
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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