kailash kher ghor chupi hai kahin şarkı sözleri
घोर छुपी है कहीं बादल तो हटा
रोशन हो झा कही लो ऐसी जला
घोर छुपी है कहीं बादल तो हटा
रोशन हो झा कही लो ऐसी जला
रास्ता पुकारे हिम्मत न हारे
चाहत हो न कम
चलते जा रे मंजिल तुम्हारे
चूमे गी कदम
चलते जा रे मंजिल तुम्हारे
चूमे गी कदम