kalyanji anandji zuban pe dard bhari dastan şarkı sözleri
ज़ुबान पे दर्द
भरी दास्ताँ चली आई
ज़ुबान पे दर्द
भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले
फ़िज़ा चली आई
ज़ुबान पे दर्द भरी
दास्ताँ चली आई
ख़ुशी की चाह में
मैं ने उठाये रज बड़े
ख़ुशी की चाह में
मैं ने उठाये रज बड़े
मेरा नसीब की मेरे
कदम जहां भी पड़े
ये बदनसीबी मेरी
भी वहां चली आई
ज़ुबान पे दर्द
भरी दास्ताँ चली आई
उदास रात है वीरान
दिल की महफ़िल है
उदास रात है वीरान
दिल की महफ़िल है
न हमसफ़र है कोई
और न कोई मज़िल है
ये ज़िन्दगी मुझे लेकर
कहाँ चली आई
ज़ुबान पे दर्द भरी
दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले
कहिजां चली आई
ज़ुबान पे दर्द भरी
दास्ताँ चली आई

