kammy kya khata thi şarkı sözleri
दर्द किसको बताऊ
ज़ख़्मी हूँ कैसे छुपाऊ
पानी, में आग ऐसे
कोई ना बेदाग वैसे
मेरी क्या खाता त्ती
ख्वाहिशें जो रुसवा हुई
मुझसे अब मैं ही हरी
मौत से भी ज़िंदगी बुरी
क्या खाता थी
क्या खाता तथी मेरी
क्या खाता थी
जो रात ही है मेरी ज़िंदगी
क्या खाता थी
क्या खाता तथी मेरी
क्या खाता थी
जो रात ही है मेरी ज़िंदगी
क्या खाता थी मेरी
कोई मुझसे पूछे, मेरा हाल क्या
जलती हूँ भहुजती हूँ, यह जिस्म राख साअ
जल के हुई खाक ऐसे
जलना मेरा शौक जैसे
कोई ना बात माने
वक़्त की ज़िददें हैं मनचली
खाली रास्ता पर
मंज़िलों से डर लगे युही
क्या खता थी
क्या खता थी मेरी
क्या खता थी
जो रात ही है मेरी ज़िंदगी
क्या खता थी
क्या खता थी मेरी
क्या खता थी
जो रात ही है मेरी ज़िंदगी

