kanwar ajit singh mausam ka taqaaza hai şarkı sözleri
मौसम का तकआजा है
बहो से लिपट जाये
सदियों की तमनाये
लम्हों में सिमट जाये
मौसम का तकाज़ा है
बहो से लिपट जाये
सदियों की तमनाये
लम्हों में सिमट जाये
मौसम का तकाज़ा है
ख़्वाबों का नशि मन हो
एहसास का आँगन हो
दुःख सुख जो मिले हमको
आपस में वो बाँट जायेगे
तू मुझमें उतर जाये
मैं तुझमें उतर जाऊ
ऐसे में यह दिल चाहे
परदे से भी हट जाये
मौसम का तकाज़ा है
बाहो से लिपट जाये
सदियों की तमनाये
लम्हों में सिमट जाये
मौसम का तकाज़ा है
फूलो की जिन्हे खवाइश
काँटों पे वो चलते है
किस्मत से मिली घडिया
दर है न पलट जाये
ठहरे न ये बरसते
आँखों से कही बाते
खामोश रहे हम तुम
उम्र युही कट जाये
मौसम का तकाज़ा है
बहो से लिपट जाये
सदियों की तमनाये
लम्हों में सिमट जाये
मौसम का तकाज़ा है
बहो से लिपट जाये
सदियों की तमनाये
लम्हों में सिमट जाये
मौसम का तकाज़ा है(हु हु आ आ )