kanwar ajit singh tumne mujhko pyar se şarkı sözleri
तुमने मुझको प्यार
से न देखा एक बार
मैं खड़ा रहा
निहारता रहा तुम्हे
तुम न सुन सके सदा
जो मेरे दिल से आ रही थी
मैं मगर पुकारता रहा तुम्हे
ज़िन्दगी की राह में
छुड़ाके हाथ तुम अगर
चले गए तोह चोट
क्यों लगे मुझे
रोशनी तुम्हारे भाग
में लिखी हुई है और
मेरे भाग में
दिए बुझे बुझे
अब्ब यह सोचता हूँ
दिल के आईने में
किस लिए मैं रात दिन
पुकारता रहा तुम्हे
तुमने मुझको प्यार
से न देखा एक बार
मैं खड़ा रहा
निहारता रहा तुम्हे
मेरी प्रिया कैसे ढूंढू तुम्हे
दिल यह काहे आके छू लूं तुम्हें
क्या मेरा नसीब है की
ज़िन्दगी की राह में
न तुम मिले न
घर मिला न रास्ता
एक तुम्हारी जुस्तजू
में बनके रह गयी
यह ज़िन्दगी की शीष
गस्ता की बद्दुवा
तुमको जीतने के दांव
ढूंढता रहा मगर
कदम कदम पे
हारता रहा तुम्हे
तुमने मुझको प्यार
से न देखा एक बार
मैं खड़ा रहा
निहारता रहा तुम्हे
मेरी प्रिया कैसे ढूंढू तुम्हे
दिल यह काहे आके छू लूं तुम्हें
इस कदर मिले है घूम
की अब्ब किसी बात पे न
दिल दुखे न दर्द का पता चले
लाख कोशिशें करो
फिर भी कम न हो सकेंगे
दो दिलों में हो गए जो फ़ासले
जानता था यह ख्वाब है
यह टूट जाएगा किसी घडी
मगर सवरता रहा तुम्हे
तुमने मुझको प्यार
से न देखा एक बार
मैं खड़ा रहा
निहारता रहा तुम्हे
मेरी प्रिया कैसे ढूंढू तुम्हे
दिल यह काहे आके छू लूं तुम्हें
दिल यह काहे आके छू लूं तुम्हें