karsan sagathia kisi ne sach hi kaha hai şarkı sözleri

सूना है इंसान के दुःख दर्द का इलाज मिला है क्या बुरा है अगर ये अफवाह उड़ा दी जाए किसी ने सच ही कहा है किसी ने सच ही कहा है वो भूख से मरा था फुटपाथ पे पड़ा था चादर उठा के देखा तो पेट पे लिखा था सारे जहाँ से अच्छा सारे जहाँ से अच्छा सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्ता हमारा हिंदुस्ता हमारा भूख लगे तो चाँद भी रोटी नज़र आता है भूख लगे तो चाँद भी रोटी नज़र आता है आगे है ज़माना फिर भी भूख पीछे पीछे सारी दुनिया की बातें सारी दुनिया की बातें दो रोटियों के निचे किसी ने सच ही कहा माँ पत्थर उबालती रही कड़ाही में रात भर बच्चे फरेब खा कर चटाई पर सो गए चमड़े की झोपड़िया में आग लगी भैया बरखा न बुझाए बुझाए रुपैया चमड़े की झोपड़िया में आग लगी भैया बरखा न बुझाए बुझाए रुपैया किसी ने सच ही कहा वो आदमी नहीं मुक़म्मल बया है माथे पे उसके चोट का गहरा निशा है इक दिन मिला था मुझको चीथड़ों में वो मैंने जो पूछा नाम कहा हिन्दुस्तान है हिंदुस्तान है चाँद लोग दुनिया में नसिब लेके आते है बाकी बस आते है और यु ही चले जाते है जाने कब आते है और जाने कब जाते है किसी ने सच ही कहा ये बस्ती उन लोगो की बस्ती है जहां हर गरीब की हस्ती एक एक सांस लेने को तरसती है इन ऊँची इमारतों में घिर गया आशियाना मेरा ये आमिर मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए भूख लगे तो चाँद भी रोटी नज़र आता है भूख लगे तो चाँद भी रोटी नज़र आता है आगे है ज़माना फिर भी भूख पीछे पीछे सारी दुनिया की बातें सारी दुनिया की बातें सारी दुनिया की बातें दो रोटियों के निचे किसी ने सच ही कहा वो भूख से मरा था फुटपाथ पे पड़ा था चादर उठा के देखा तो पेट पे लिखा था सारे जहाँ से अच्छा सारे जहाँ से अच्छा सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्ता हमारा हिंदुस्ता हमारा हिंदुस्ता हमारा किसी ने सच ही कहा
Sanatçı: Karsan Sagathia
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 6:22
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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