kaustubh paranjape rahe na rahe [unplugged] şarkı sözleri
मौसम कोई हो इस चमन में रंगरं बनके रहेंगे इन फिजाओ
चाहत की ख़ुश्बूयूँ ही ज़ुल्फों से उड़ेगी, फ़िज़ा हो या बहारें
यूँ ही झूमते और खिलते रहेंगे, बनके कली
बनके सबा, बाग-ए-वफ़ा मे
रहें ना रहें हम महका करेंगेरेंगे
बनके कली, बनके सबा, बाग-ए-वफ़ा मैं (रहें ना रहें)

