kavita krishnamurthy chhod babul ka ghar şarkı sözleri
हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म
छोड़ भैया तुझे
तेरी बहना चली
चली सासरिये
हम्म हम्म
रोये मिलके गले
चली बहना चली
चली सासरिये
हम्म हम्म
उस ज़माने का ये कैसा दस्तूर हैं
बहना भाई से यूँ जाते क्यूँ दूर है
ज़ोर कुछ न चली
चली बहना चली
चली सासरिये हं हं
हम्म हम्म
छोड़ भैया तुझे
तेरी बहना चली
चली सासरिये हं हं
कैसे मेरे बिना तू जिएगा यहाँ
ऐसा भैया मुझे फिर मिलेगा कहा
नैना आंसू भरे
चली बहना चली
चली सासरिये हं हं
हम्म हम्म
छोड़ भैया तुझे
तेरी बहना चली
चली सासरिये