kavita krishnamurthy jhulania goom gayi şarkı sözleri
झूलनिया
झूलनिया गुम गई रात मेले मे
झूलनिया गुम गई रात मेले मे
झूले पे झूली हिंडोले मे झूली
झूले के चक्कर मे सब कुछ मैं भूली
हुई जो न होनी थी
हाए हाए हुई जो न होनी थी बात मेले मे
झूलनिया
झूलनिया गुम गई रात मेले मे
झूलनिया गुम गई रात मेले मे
नौटंकी वाली के तंबू के नीचे
नौटंकी वाली के तंबू के नीचे
जा के रुकी मैं झरोके के पीछे
डरी डरी मैं थी खड़ी
थी वो बड़ी मस्त घड़ी
मैं देख भी ना सकी उसकी छाया
जाने कहाँ से वो हरजाई आया
आके पकड़ लिया हाथ मेले मे
झूलनिया
झूलनिया गुम गई रात मेले मे
झूलनिया गुम गई रात मेले मे
पेहले तो रसगुल्ला मुझको खिलाया
पेहले तो रसगुल्ला मुझको खिलाया
फिर वो जबरदस्ती शरबत पिलाया
ऐसा हुआ मुझपे असर गिरने लगी इधर उधर
चक्कर जो आया तो मैं लड़खड़ाई
जब होश मे आई उसको को ना पाई
काहे गयी उसके साथ मेले मे
झूलनिया
झूलनिया गुम गई रात मेले मे
झूलनिया गुम गई रात मेले मे
झूले पे झूली हिंडोले मे झूली
झूले के चक्कर मे सबकुछ मैं भूली
हुई जो न होनी थी बात मेले मे
झूलनिया
झूलनिया गुम गई रात मेले मे
झूलनिया गुम गई रात मेले मे

