kavita krishnamurthy saath baras ka dulha şarkı sözleri
सात बरस का दुला दुलहन पचपन साल की
सात बरस का दुला दुलहन पचपन साल की
जय बोलो जय बोलो जय बोलो नन्दलाल की
सात बरस का दुला दुलहन पचपन साल की
जय बोलो जय बोलो जय बोलो नन्दलाल की
क्या है दीपक बाती क्या हैं
चंदा और चकोरि इनकी जोड़ी जैसे
अरे इनकी जोड़ी जैसे जैसे शिवजी पारवती की जोड़ी
सात बरस का दुला दुलहन पचपन साल की
जय बोलो जय बोलो जय बोलो नन्दलाल की
घूँघट में दुल्हन का चेरा
आयेहए दूल्हे ने बाँधा है सेहरा
घूँघट में दुल्हन का चेरा
ए हाय दूल्हे ने बाँधा है सेहरा
आज हुई फिर इनकी शादी
ए हाय आज फिर लिया सातवा फेरा
अरे तुम क्यों हमसे दूर खड़े हो
अरे तुम क्यों हमसे दूर खड़े हो
तुम हो एप साथी
साथ हमारे झूमो गओ बन जाओ बाराती
सात बरस का दुला दुलहन पचपन साल की
जय बोलो जय बोलो जय बोलो नन्दलाल की
देखो पिता जी और माता जी
देखो पिता जी और माता जी
मैं तुमको हूँ समझाता जी
जनम जनम तक साथ निभाना
जनम जनम का ये नेता जी
मैं मूर्ख हूँ ओए ओए
मैं मूर्ख हूँ पर
पंडित का काम किया है
तुम दोनों को पति पत्नी
का मैंने नाम दिया हैं
सात बरस का दुला दुलहन पचपन साल की
जय बोलो जय बोलो जय बोलो नन्दलाल की
अपना जीवन जाने कैसा
राम करे हो जाये ऐसा
हो जाये ऐसा
साथ बरस के जब हम हो तो
ब्याह करे फिर इनके जैसा इनके जैसा
लोग हमारी शादी का
भी यूँ ही जशन मनाये
लोग हमारी शादी का
भी यूँ ही जशन मनाये
आज जो हमने गए हैं
ये गीत मिलन का गए
सात बरस का दुला दुलहन पचपन साल की
जय बोलो जय बोलो जय बोलो नन्दलाल की
सात बरस का दुलहन पचपन साल की
जय बोलो जय बोलो जय बोलो नन्दलाल की