k.j. yesudas kajre ki baati şarkı sözleri
साजन यह मत जानीयो तुम बिच्छुरे मोहे चैन
जैसे बन की लाकड़ी सुलगत हूँ दिन रैन
कजरे की बाती अँसुअन के तेल में
आली मैं हार गयी अखियन के खेल में
कजरे की बाती अँसुअन के तेल में
आली मैं हार गयी अखियन के खेल में
कजरे की बाती
चंचल से नैनों में काजल को आंज कर
बिखरी इन अलकों में रजनी को बाँध कर
सिंदूरी आँचल में तारों को टांक कर
अधरों के प्यालों में चुंबन को ढाल कर
अलका कर सबके मन प्रीत की गुलेल में
मारी ना जाओ कहीं अपने इस खेल में
सपने ही टूट गये इस ताल मेल में
आली मैं हार गयी अखियन के खेल में
कजरे की बाती
तन की सुराही में यौवन की हाला
चितवन में मदहोशी अंगों में ज्वाला
छल छल छल छलके जो मदिरा का प्याला
गोरी तू लागे है पूरी मधुशाला
नशा ही नशा है इस अंगूरी बेल में
प्याला और मदिरा इन दोनों के मेल में
बिरहा के फूल हैं जीवन की बेल में
आली मैं हार गयी अखियन के खेल में
कजरे की बाती
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ