lakshay sharma sannata şarkı sözleri
हो हो हो हो हो
धारा के विपरीत चले
अपनी ही नाव डूबा बैठे
आग लगाने वाले ही
अपनी तशरीफ़ जला बैठे
हो हो हो हो हो
हो हो धारा के विपरीत चले
अपनी ही नाव डूबा बैठे
आग लगाने वाले ही
अपनी तशरीफ़ जला बैठे
जुठ की पतलून ले उतरी हे
सच की पगड़ी जीती हे
आज हवाएं भगवा है हम
ऐसी धाग जमा बैठे (हे हे)
जितने की हमें दो बधाई
इतना सन्नाटा क्यू है भाई
मुँह करो मीठा खाओ मिठाई
इतना सन्नाटा क्यू है भाई
जितने की हमें दो बधाई
इतना सन्नाटा
सन्नाटा सन्नाटा क्यू है भाई
हो हो हो हो हो
तुम जिसका उपहास उड़ाके
समझे थे खोटा सिक्का
आज उसी ने बाज़ी मारी
बनके हुकम का इक्का
तुमने तो गुगली डाली थी
मारा हे हमने छक्का
रोके से अब नहीं रुकेगा
राष्ट्रवाद का चक्का (हे हे)
दाल चमचो की अब गल ना पाई
इतना सन्नाटा क्यों है भाई
हे
दाल चमचो की अब गल न पाई
इतना सन्नाटा क्यू है भाई
भोर बदलाव की खिलखिलाई
इतना सन्नाटा
सन्नाटा सन्न सन्न सन्नाटा क्यों है भाई
हो हो हो हो हो
अब खैर नहीं जय चंदो की
है गूंज रहा जयकारा
इतिहास नया हम लिख देंगे
मोडेंगे उल्टी धारा
कितनी ही कुर्बानी दी है
लाने को वक़्त हमारा
हा फिर से सोने की चिड़िया
होगा ये देश हमारा (हे हे)
आज बारी हमारी है आई
इतना सन्नाटा क्यू है भाई
ले रहा है समय अंगड़ाई
इतना सन्नाटा सन्नाटा सन्नाटा क्यू है भाई
हो हो हो हो हो
इतना सन्नाटा क्यों हे भाई