madhusmita kab tak yaad karoon şarkı sözleri
कब तक याद करूँ मैं उसको? कब तक अश्क बहाऊँ
कब तक याद करूँ मैं उसको? कब तक अश्क बहाऊँ
यारों, रब से दुआ करो, मैं उसको भूल जाऊँ
यारों, रब से दुआ करो, मैं उसको भूल जाऊँ
कब तक याद करूँ मैं उसको? कब तक अश्क बहाऊँ
यारों, रब से दुआ करो, मैं उसको भूल जाऊँ
मैं उसको भूल जाऊँ, मैं उसको भूल जाऊँ
मैं उसको भूल जाऊँ, मैं उसको भूल जाऊ
उसने फेरीं आँखें जब से, वीरानी है छाई
ख़ामोशी है, बेताबी है, डसती हैं तन्हाई
गुमराही में उसने मेरे दिल को ऐसे तोड़ा
जाना मेरी सच्चाई ना, पागल करके छोड़ा
दिल के ज़ख़्म भला अब किस को जाकर मैं दिखाऊँ
दिल के ज़ख़्म भला अब किस को जाकर मैं दिखाऊँ
यारों, रब से दुआ करो, मैं उसको भूल जाऊँ
मैं उसको भूल जाऊँ, मैं उसको भूल जाऊँ
मैं उसको भूल जाऊँ, मैं उसको भूल जाऊँ आ आ आ आ आ आ
मद्धम-मद्धम बारिश में जब भीगा करते थे हम
याद जो आए बीते लम्हे, आँखें फिर से हैं नम
सोचा ना था, करवट ऐसे लेंगी तक़दीरें यूँ
तूफ़ाँ कैसा आया, देखो बदलीं तस्वीरें यूँ
डर लगता है, घुट-घुट के ना यूँ ही मैं मर जाऊँ
डर लगता है, घुट-घुट के ना यूँ ही मैं मर जाऊँ
यारों, रब से दुआ करो, मैं उसको भूल जाऊँ
कब तक याद करूँ मैं उसको? कब तक अश्क बहाऊँ
कब तक याद करूँ मैं उसको? कब तक अश्क बहाऊँ
यारों, रब से दुआ करो, मैं उसको भूल जाऊँ
यारों, रब से दुआ करो, मैं उसको भूल जाऊँ
मैं उसको भूल जाऊँ, मैं उसको भूल जाऊँ
मैं उसको भूल जाऊँ, मैं उसको भूल जाऊँ
मैं उसको भूल जाऊँ, मैं उसको भूल जाऊँ
मैं उसको भूल जाऊँ, मैं उसको भूल जाऊँ

