pahaad kkm şarkı sözleri

मीठी सी वो बातें थी रोशन रातें भी अब वो बातें है कहाँ मैं खड़ा यहाँ मैं खड़ा यहाँ यह ख़यालों का महेल मेरा हाँ मैं इसके बस में हूँ यहाँ सुन्न ने को बस मैं सुनाने को बस मैं ज़माना ना बस में गवाने को बस मैं ही तो हूँ बस मैं हूँ ज़िंदगी लगे आग सी ये जलाए जो काग़ज़ नज़मो के मेरे हाँ क्या मैने पाप किए हाँ मैने पाप किए हज़ार रात किए सपनो को माना जो सच अपने आप से सवाल मेरे बहोत है पर दोष दूं किसको जवाब जो ना पाया खोज मैं रूह भी आज यह खामोश मेरी जो कहते थे जाएगी देके सबब मुझे कराती है आज बैठी यह सड़क पे मेरे ख्वाबों में हूँ मैं घूमनाम तब भी सुबा शाम देखूं खुदको लूट्ट ते यहाँ सारे आम मेरे लिए यह सब आम क्यूकी खो दिया जो खुदको तो पाने को बचा क्या ढूँढ भी लूँ खुदको फिर आगे ना जानू मैं करना क्या लिखना ही तो है ना बस कहना वो है जो है सच क्या कछुआ बोल सके शायद मैं भी ना बोलूं सच ख़याल मेरे यह उलझे सुलझाए ना ये सुलझे तो रहने दिया इन्हे ऐसे ही अब यह महेल बुनते टूटा सही मुझे जोड़ो ना झूठा सही मूह लो मोड़ो ना जुगनू सी जगमगाती सी ही इन सब बातों ने इस डगमगाती सोच को है तोलना सदमा नही हाँ यह कल्पना है वक़्त के संग बीते वो दर्द ना है मैं यह सब लिखने पर दुख में नही सिखाना कुछ भी मेरा फ़र्ज़ ना है हालातों की साज़िश यह के बुझती है हर ख्वाहिश मेरी जो मांगू जहाँ मचलता हूँ बिस्तर पे उन्न खटपटी बातों से जो होती वहाँ मैं खड़ा यहाँ मैं खड़ा यहाँ मैं खड़ा यहाँ मैं खड़ा यहाँ यह ख़यालों का महेल मेरा हाँ मैं इससके बस में हूँ
Sanatçı: Pahaad
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 3:25
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
Pahaad hakkında bilgi girilmemiş.

Fotoğrafı