pamela jain dilo ko bandha tha şarkı sözleri
दिलों को बाँधा था हमने तो रिश्तों की डोर से
ना जाने आई एक आँधी जाने किस ओर से
वो नाज़ुक डोरी टूटी, सारी उम्मीदें छूटी
पल में क्या से क्या हो जाता है
ये रिश्ता क्या कहलाता है? हाँ आा
तुम्हारी यादों का मेला है संग मेरे, हमसफ़र
उन्हीं यादों को मुड़-मुड़ के देखे खोई सी नज़र
ऐ, काश कि ये हो पाता, ये वक़्त वफ़ा कर जाता
दिल बेबस हो कर रह जाता है
ये रिश्ता क्या कहलाता हो हम्म्म
सुनाई देती थी बिन बोले ख़ामोशी की सदा
हाँ, कोई राज़ नहीं था एक-दूजे से जुदा
हमराज़ कहाँ से जो छूटा, दिल पहली बार यूँ टूटा
टूटा दिल पल-पल घबराता है
ये रिश्ता क्या कहलाता है?
क्यूँ वो आँगन छूटा, क्यूँ विश्वास वो टूटा?
ख़ुद को दिल समझा ना पाता है
ये रिश्ता क्या कहलाता है?
ओ, ये रिश्ता क्या कहलाता है?
ये रिश्ता क्या कहलाता