pamela jain maine socha bhi na tha şarkı sözleri
मैंने सोचा भी ना था, ऐसा दिन भी आएगा
मेरा साया भी मुझसे कभी दूर जाएगा
मन में कैसी हलचल है, बिखरा-बिखरा हर पल है
दिल को दीपक की तरह वो जलाता है
ये रिश्ता क्या कहलाता है?
हो, ये रिश्ता क्या कहलाता है?
रिश्तों का मिलना-जुलना
मिल के बिछड़ना, मिल के बिछड़ना
राह में चलना-गिरना
गिर के सँभलना, गिर के सँभलना
कभी बिछाते हैं
फूल हर डगर में, फूल हर डगर में
कभी छोड़ जाते हैं
दुख के भँवर में, दुख के भँवर में
कभी धूप, कभी है छाया
ये कोई समझ ना पाया
ख़ुद रोता है, सबको हँसाता है
ये रिश्ता क्या कहलाता है?
हो, ये रिश्ता क्या कहलाता है?