pankaj awasthi sabun şarkı sözleri
साबुन तू ऐसा बना दे बंदे के धूल जाए जग ये सारा
साबुन तू ऐसा बना दे सजना की चमकाए मेरा संसारा
हम हम हम हम हम
हम हम हम हम हम
खाक मिले हैं जुंगल कितने
डाक हवा के दामन कितने
जिद्दी धब्बे नादिया लागे
पिद्दी कुदरत इंसान आगे
साबुन तू ऐसा बना दे
के धूल जाए लालच लोभ पिटारा
साबुन तू ऐसा बना दे
के चमकाए मेरा संसारा
चमकाए मेरा संसारा
साबुन तू ऐसा बना दे
हम हम हम हम हम
हम हम हम हम हम
छान रही थी धूप रसीली (धूप रसीली)
झीनी झीनी छतरी नीली (छतरी नीली)
इस्पातों की कैंची जाली (कैंची जाली)
उधड़ी छतरी बरसी लाली (बरसी लाली)
किरणों की जो गागर फूटी
माटी की वो गुल्लक टूटी
साबुन तू ऐसा बना दे रे बंदे
के धूल जाए मैली गंगा की धारा
साबुन तू ऐसा बना दे बंदे