pankaj kikani aapke anurodh pe şarkı sözleri

आप के अनुरोध पे मैं ये गीत सुनाता हूँ मैं ये गीत सुनाता हूँ आप के अनुरोध पे मैं ये गीत सुनाता हूँ मैं ये गीत सुनाता हूँ अपने दिल की बातों से, आप का दिल बहलाता हूँ आप के अनुरोध पे मैं ये गीत सुनाता हूँ मैं ये गीत सुनाता हूँ मत पूछो औरों के दुःख में, ये प्रेम कवि क्यों रोता है मत पूछो औरों के दुःख में, ये प्रेम कवि क्यों रोता है बस चोट किसी को लगती है और दर्द किसी को होता है दूर कहीं कोइ दर्पण टूटे, तड़प के मैं रह जाता हूँ आप के अनुरोध पे मैं ये गीत सुनाता हूँ मैं ये गीत सुनाता हूँ तारीफ़ मैं जिसकी करता हूँ तारीफ़ मैं जिसकी करता हूँ क्या रूप है वो, क्या खुशबू है कुछ बात नहीं ऐसी कोई, ये एक सुरों का जादू है कोयल की एक कूक से सबके मन में हूक़ उठाता हूँ आप के अनुरोध पे मैं ये गीत सुनाता हूँ मैं ये गीत सुनाता हूँ मैं पहने फिरता हूँ जो, वो ज़ंजीरें कैसे बनती हैं मैं पहने फिरता हूँ जो, वो ज़ंजीरें कैसे बनती हैं ये भेद बता दूँ गीतों में तसवीरें कैसे बनती हैं सुन्दर होंठों की लाली से, मैं रंग रूप चुराता हूँ आप के अनुरोध पे मैं ये गीत सुनाता हूँ मैं ये गीत सुनाता हूँ अपने दिल की बातों से, आप का दिल बहलाता हूँ आप के अनुरोध पे मैं ये गीत सुनाता हूँ मैं ये गीत सुनाता हूँ आप के अनुरोध पे
Sanatçı: Pankaj Kikani
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 5:05
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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