quratulain balouch kaari kaari şarkı sözleri

कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई क्यूँ लाई रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं क्यूँ आईं उजियारे कैसे अंगारे जैसे च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई क्यूँ लाई रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं क्यूँ आईं उजियारे कैसे अंगारे जैसे च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री तितलियों के पंखों पर रख दिए गये पत्थर आए खुदा तू गुम है कहाँ रेशमी लिबासों को चीरते हैं कुछ खंजर आए खुदा तू गुम है कहाँ क्या रीत चल पड़ी है क्या आग जल पड़ी है क्यूँ चीखता है सूरमाई धुआँ क्या रीत चल पड़ी है क्या आग जल पड़ी है क्यूँ चीखता है सूरमाई धुआँ कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई क्यूँ लाई रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं क्यूँ आईं उजियारे कैसे अंगारे जैसे च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री पंखुड़ी क बेटी है कंकरो पे लेटी है बारिशें है तेज़ाब की ना ये उठके चलती है ना चीता में जलती है लाश है यह किस ख्वाब की रातों मैं पल रही हैं सड़कों पे चल रही हैं क्यूँ बाल खोले दहशतें यहाँ रातों मैं पल रही हैं सड़कों पे चल रही हैं क्यूँ बाल खोले दहशतें यहाँ कारी कारी रैना सारी सौ अंधेरे क्यूँ लाई क्यूँ लाई रोशनी के पावं में ये बेड़ियाँ सी क्यूँ आईं क्यूँ आईं उजियारे कैसे अंगारे जैसे च्चाओं च्चाली धूप मैली क्यू है री
Sanatçı: Quratulain Balouch
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 6:27
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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Fotoğrafı