r g bhat main shair to nahin şarkı sözleri
मैं शायर तो नहीं
मैं शायर तो नहीं
मगर ऐ हसीं,जब से देखा
मैंने तुझको, मुझको शायरी आ गयी
मैं शायर तो नहीं
मगर ऐ हसीं, जब से देखा
मैंने तुझको, मुझको शायरी आ गयी
मैं आशिक तो नहीं
मगर ऐ हसीं, जब से देखा
मैंने तुझको, मुझको, आशिकी आ गयी
मैं शायर तो नहीं
प्यार का नाम मैंने सुना था मगर
प्यार क्या है ये मुझको नहीं थी खबर
प्यार का नाम मैंने सुना था मगर
प्यार क्या है ये मुझको नहीं थी खबर
मैं तो उलझा रहा उलझनों की तरह
दोस्तों में रहा दुश्मनों की तरह
मैं दुश्मन तो नहीं
मैं दुश्मन तो नहीं
मगर ऐ हसीं ,जब से देखा, मैंने तुझको
मुझको, दोस्ती आ गयी
मैं शायर तो नहीं
सोचता हूँ अगर मैं दुआ मांगता
हाथ अपने उठाकर मैं क्या मांगता
सोचता हूँ अगर मैं दुआ मांगता
हाथ अपने उठाकर मैं क्या मांगता
जब से तुझसे मोहब्बत मैं करने लगा
तब से जैसे, इबादत मैं करने लगा
मैं काफिर तो नहीं
मैं काफिर तो नहीं
मगर ऐ हसीं, जब से देखा
मैंने तुझको, मुझको बंदगी आ गयी
मैं शायर तो नहीं
मगर ऐ हसीं ,जब से देखा
मैंने तुझको, मुझको शायरी आ गयी
मैं शायर तो नहीं