raafay israr pehchaan şarkı sözleri
ओ
क्या थी वजह जो की बेवफ़ाई
यादें जला के राख उड़ाई
क्या थी वजह जो की बेवफ़ाई
यादें जला के राख उड़ाई
जाने ज़रूरी क्यू था दर्द ए जुदाई
होने लगी है क्यू ये साँसें पराई
ये हाल ए दिल हम कह भी ना पाए
तन्हा ऐसे कहीं मर ही ना जायें
ये हाल ए दिल हम कह भी ना पाए
तन्हा ऐसे कहीं मर ही ना जायें
ये हाल ए दिल हम कह भी ना पाए
कैसी ख़ता थी वो कैसी सज़ायें
सुनता नही कोई दिल की सदायें
कह भी ना पाए
ये हाल ए दिल हम कह भी ना पाए
कैसी ख़ता थी वो कैसी सज़ायें
सुनता नही कोई दिल की सदायें
कह भी ना पाए
जीने की दुआयं मैने
माँगी ही ना थी
ऐसा नही था आँखें
भीगी ना थी
हाथों की लकीरे
जैसे खेची ही ना थी
पूरी वफ़ए कैसे होती
सितम ही ऐसा टूटा
नसीबा मेरा रूठा
मिला था कोई झूठा कोई झूठा
जाने ज़रूरी क्यू था दर्द ए जुदाई
होने लगी है क्यू ये साँसें पराई
ये हाल ए दिल हम कह भी ना पाए
तन्हा ऐसे कहीं मर ही ना जायें
ये हाल ए दिल हम कह भी ना पाए
तन्हा ऐसे कहीं मर ही ना जायें
ये हाल ए दिल हम कह भी ना पाए
कैसी ख़ता थी वो कैसी सज़ायें
सुनता नही कोई दिल की सदायें
कह भी ना पाए
ये हाल ए दिल हम कह भी ना पाए
कैसी ख़ता थी वो कैसी सज़ायें
सुनता नही कोई दिल की सदायें
कह भी ना पाए
ये हाल ए दिल हम कह भी ना पाए
तन्हा ऐसे कहीं मर ही ना जायें

