rabbi ahmed awari şarkı sözleri
तेरी बाहों में जो सुकून था मिला
मैंने ढूँढा बहुत था
फिर ना मिला
आ आ आ
दुनिया छूना चाहे मुझको यूं
जैसे उनकी सारी की सारी मैं
दुनिया देखे रूप मेरा
कोई ना जाने बेचारी मैं
हाय टूटी सारी की सारी मैं
तेरे इश्क़ में हुई आवारी मैं
हाय टूटी सारी की सारी मैं है
तेरे इश्क़ में हुई आवारी मैं
कोई शाम बुलाये कोई दाम लगाये
मैं भी ऊपर से हँसती पर अंदर से हाय
क्यूं दर्द छुपाये बैठी है
क्यूं तू मुझसे कहती है
मैं तो खुद ही बिखरा हुआ
हाय अंदर अंदर से टूटा मैं
तेरे इश्क़ में खुद ही से रूठा मैं
हाय अंदर अंदर से टूटा मैं (हाय अंदर अंदर से टूटा मैं)
तेरे इश्क़ में खुद ही से रूठा मैं (तेरे इश्क़ में खुद ही से रूठा मैं)
मैं जी भरके रो लूँ तेरी बाहों में सो लूँ
आ फिर से मुझे मिल मैं तुझसे ये बोलूं
तू अनमोल थी (तू अनमोल थी)
पल-पल बोलती थी (पल-पल बोलती थी)
ऐसी चुप तू लगा के गयी
सारी खुशियाँ खा के गयी
हाय अंदर अंदर से टूटा मैं (आ)
तेरे इश्क़ में खुद ही से रूठा मैं
हाय तेरी हूँ सारी की सारी मैं हा
पहले तेरे लिए बाज़ारी में