radharani roti brishbhanu kumari şarkı sözleri

रोती वृषभानु कुमारी रोती रोती वृषभानु कुमारी बोली निर्मोही घनश्याम मुझसे रूठ गए सुध बुध सकल बिसारी मोरी सुध बुध सकल बिसारी रस भरे वयना मध् भरे नैना भाये भाये उन्हें न जरा भी जरा भी आ हा मन की रही मोरे मन ही के अंगना डूबी लाज की मारी सखि रे डूबी लाज की मारी सुनी न मोरी सूनी न मोरी निर्मोही ने सुनी न मोरी सूनी न मोरी मुह की बोली सुनी उसने मन की बोली सुनी न मोरी सूनी न मोरी सुनी न बिनती हमारी सखी री सुनि न बिनती हमारी शाम तोह गए गोकुल से नगरी हुयी सुनि बिरहा की पीड़ा बढ़ती जाये हाय सखि मोहन की प्रेम दीवानी लाखो करोडो राधा राधा के एक मुरारि हाय सखि राधा के एक मुरारि कौन है तेरा कौन है तेरा शाम बिना सखि कौन है तेरा कौन है तेरा कृष्ण बिना वो दुखिया राधा कौन है तेरा कौन है तेरा राधा के एक मुरारि हाय सखी राधा के एक मुरारि
Sanatçı: Radharani
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 3:16
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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