r.d. burman jab charon taraf andhera ho şarkı sözleri
हरी ओम हरी ओम हरी ओम
जब चारों तरफ अँधेरा हो
जीवन को मृत्यु ने घेरा हो
जब चारों तरफ अँधेरा हो
जीवन को मृत्यु ने घेरा हो
तब मन में रख विश्वास
श्वास में अश नहीं एक भर
प्राथना कर प्राथना कर
जगत के जीवन दाता से
प्राथना कर प्राथना कर
हरी ओम हरी ओम
हरी ओम हरी ओम
करम धरम न जणू न
मुझे पाप पुण्य का भान
करम धरम न जणू न
मुझे पाप पुण्य का भान
कैसे करू भी प्राथना तेरी
इसका भी नहीं ज्ञान
में बेबस दुखियारी हु
बस आयी तेरे घर
प्राथना कर प्राथना कर
जगत के जीवन दाता से
प्राथना कर प्राथना कर
हरी ओम हरी ओम
हरी ओम हरी ओम
मेरा जीवन साथी मिलके
मुझसे हो जाये न दूर
कही चिता की राख न बन जाये
मेरी माँग का यह सिन्दूर
मन में शहनाई गूंज रही
अखियाँ सुगंध से कर
प्राथना कर प्राथना कर
जगत के जीवन दाता से
प्राथना कर प्राथना कर
हरी ओम हरी ओम
हरी ओम हरी ओम
हरी ओम हरी ओम
हरी ओम हरी ओम
हरी ओम हरी ओम
हरी ओम हरी ओम
हरी ओम हरी ओम
हरी ओम हरी ओम
हरी ओम हरी ओम
हरी ओम हरी ओम