saaj bhatt musafir dhoop ka tha main şarkı sözleri
मुसाफिर धूप का था मैं
नही थी छाओ मिलो तक
मिले जो तुम तो मिल गयी बारिशें
ना कोई आरज़ू है बाकी बा खुदा
मांगू और क्या में रब से
मांगू और क्या
मांगू और क्या में रब से
मांगू और क्या
ओ ओ ओ आ आ आ
है साँसों का सफ़र जब तक
चलूँगा साथ तेरे में
हा पूरी हो गयी मेरी ख्वाइशे
करू कैसे अदा तेरा में शुक्रिया
मांगू और क्या में रब से
मांगू और क्या
मांगू और क्या में रब से
मांगू और क्या

