saaj bhatt shehnaiyon ki awaaz şarkı sözleri
सोचेया नही सी कदे होवांगे जुदा
सच दसां हूँ ते चंगा लगे ना खुदा
मिला था जो मुझको दुआ बनके
जा रहा है अब वो हवा बनके
ना जाने होके क्यूँ मज़बूर जा रही
यह जो शहनाईयों की आवाज़ आ रही
मेरी जान मेरी ज़िंदगी से दूर जा रही
यह जो शहनाईयों की आवाज़ आ रही
मेरी जान मेरी ज़िंदगी से दूर जा रही
कितनी शिद्दत थी इश्क़ में यार वे
तू जाने और तेरे मोहल्ले वाले
मेरे हाथों से सारे चीन रहे हाथ तेरा
फिर भी है क्यूँ तेरी ज़ुबान पर ताले
आशिक़ की रातों की सुबह बनके
वफ़ा करते करते बेवफा बनके
अंदर से खुद भी हो के चूर जा रही
यह जो शहनाईयों की आवाज़ आ रही
मेरी जान मेरी ज़िंदगी से दूर जा रही
यह जो शहनाईयों की आवाज़ आ रही
मेरी जान मेरी ज़िंदगी से दूर जा रही
मुझे खुसबू आ रही हे जुडाईऑन की
उसके मोहल्ले से आवाज आ रही हे सेहनाईयों की
इस बीमार आशिक का कोई तो इलाज करदो
कोई जाओ और शेहनाईओं की बंद आवाज करदो

