sachin gupta babuji dheere chalna [reprise lofi] şarkı sözleri
बाबूजी धीरे चलना
प्यार में ज़रा सम्भलना
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना
प्यार में ज़रा सम्भलना
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में
क्यूँ हो खोये हुये सर झुकाये
जैसे जाते हो सब कुछ लुटाये
ये तो बाबूजी पहला कदम है
नज़र आते हैं अपने पराये
हाँ बड़े धोखे हैं बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना
प्यार में ज़रा सम्भलना
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में
ये मुहब्बत है ओ भोलेभाले
कर न दिल को ग़मों के हवाले
काम उलफ़त का नाज़ुक बहुत है
काम उलफ़त का नाज़ुक बहुत है
आके होंठों पे टूटेंगे प्याले
बाबूजी धीरे चलना
प्यार में ज़रा सम्भलना
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में
हो गयी है किसी से जो अनबन
थाम ले दूसरा कोई दामन
ज़िंदगानी कि राहें अजब हैं
हो अकेला है तो लाखों हैं दुश्मन
हो गयी है किसी से जो अनबन
थाम ले दूसरा कोई दामन
ज़िंदगानी कि राहें अजब हैं
हो अकेला और लाखो हैं दुश्मन
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना
प्यार में ज़रा सम्भलना
बड़े धोखे हैं इस राह में

