sachin gupta boombai nagariya [lofi] şarkı sözleri
लाख लाख रोज आके बस जाते हैं
इस शहर से इस दिल लगा के फंस जाते हैं
Living in the city (drive me crazy), living in the city
लाख लाख रोज आके बस जाते हैं
इस शहर से इस दिल लगा के फंस जाते हैं
सोने की राहों में सोने को जगह नहीं
साला यहाँ तो footpath भी housefull है
शोला है या है बिजुरिया दिल की बजरिया Bombay नगरीया
शोला है या है बिजुरिया दिल की बजरिया Bombay नगरीया
उतर जाए रगों में जो तो ये नशा है
इसकी आदत जो पड़ गई तो यह सजा है
उतर जाए रगों में जो तो तह नशा है
इसकी आदत जो पड़ गई तो यह सजा है
ऐसे भर दे के खाली कर दे
हां रे पल यह ऐसी जगह है
हम दोनों ढक्कनों को आज के दिन ही पैदा होना था
Living in the city (नौ दो ग्यारह)
Living in the city (नौ दो ग्यारह)
Living in the city (नौ दो ग्यारह)
लाख लाख रोज आके बस जाते हैं
इस शहर से दिल लगा के फंस जाते हैं
सोने की राहों में सोने को जगह नहीं
शोला है या है बिजुरिया दिल की बजरिया Bombay नगरीया
शोला है या है बिजुरिया दिल की बजरिया Bombay नगरीया (Living in the city)
शोला है या है बिजुरिया दिल की बजरिया Bombay नगरीया (Living in the city)
शोला है या है बिजुरिया दिल की बजरिया Bombay नगरीया

