sachin gupta chalo kahin aur chalte hain [lofi] şarkı sözleri

चलो कहीं और चलते है चलो कहीं और चलते है चलो कहीं और चलते है सुनते है यहाँ छुपके बाटे लोग जलते है चलो कहीं और चलते है है ये जगह खूब है लेकिन कितनी धूप है पेड़ के निचे बैठेंगे अ नहीं दिवार के पीछे बैठे दीवारों के भी कान होते है ओ हो आप यु ही बदगुमा होते है लो तो फिर होगी कब तक यु तरसाओगे दो दिल बेक़रार है मुश्किल इंतज़ार है मेरा भी ये हाल है शादी में एक साल है साल में कितने दिन है जीतने है तेरे बिन है यही बातें सोच के तो दिन रात ढलते है चलो कहीं और चलते है ऐसे तुम क्यों खो गए हम भी दीवाने हो गए हा ये दीवानापन छोडो देखो यु दिल न तोड़ो दिन रात तेरी याद आती है नींद यहाँ किसे आती है रुत का प्यार सारा है मौसम बड़ा प्यारा है फिर कब मिलने आओगे जब भी तुम बुलाओगे कल का वादा कर जाओ अच्छा अब तुम घर जाओ जितना वक़्त भी अपना था कितना सुन्दर सपना था सपने कभी कभी झुटे निकलते है चलो कहीं और चलते है चलो कहीं और चलते है
Sanatçı: Sachin Gupta
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 2:49
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
Sachin Gupta hakkında bilgi girilmemiş.

Fotoğrafı