sachin gupta chand sitare [lofi 1] şarkı sözleri

चाँद सितारें फूल और खुशबू चाँद सितारें फूल और खुशबू ये तो सारे पुराने हैं ताज़ा ताज़ा कली खिली है हम उस के दीवाने है ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म अरे काली घटायें बरखा सावन हो काली घटायें बरखा सावन ये तो सब अफ़साने हैं ताज़ा ताज़ा कली खिली है हम उस के दीवाने है ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म तू रु तू रु तू रु तू रु तू तू रु अंदाज हैं उसके नये नये है नया नया दीवानापन हो अंदाज हैं उसके नये नये है नया नया दीवानापन पहना के ताज जवानी का हस के लौट गया बचपन गीत ग़ज़ल सब कल की बातें हो गीत ग़ज़ल सब कल की बातें उसके नये तराने हैं ताज़ा ताज़ा कली खिली है हम उस के दीवाने है ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म हे हे हे हे हे ह्म ह्म ह्म ह्म है रूप में इतना सादापन तो कितना सुंदर होगा मन हो है रूप में इतना सादापन तो कितना सुंदर होगा मन बिन गहने और सिंगार बिना वो तो लगती है दुल्हन काजल बिंदियां कंगन झुमके हो अरे काजल बिंदियां कंगन झुमके ये तो गुज़रे जमाने हैं ताज़ा ताज़ा कली खिली है हम उस के दीवाने है ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म(ओ ओ ओ ओ) ल ला ला ल ला ला ह्म ह्म ह्म (ओ ओ ओ ओ) ओ ओ(ल ला ला) चाँद सितारें फूल और खुशबू ये तो सारे पुराने हैं ताज़ा ताज़ा कली खिली है हम उस के दीवाने है काली घटायें बरखा सावन ये तो सब अफ़साने हैं ताज़ा ताज़ा कली खिली है हम उस के दीवाने है ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म(ओ ओ ओ ओ ओ) ल ला ला ल ला ला ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म(ओ ओ ओ ओ ओ) ल ला ला ल ला ला
Sanatçı: Sachin Gupta
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 5:45
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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