sachin gupta chingari koi bhadke [lofi] şarkı sözleri

हम्म चिंगारी कोइ भड़के चिंगारी कोइ भड़के तो सावन उसे बुझाये सावन जो अगन लगाये, उसे कौन बुझाये, हो उसे कौन बुझाये पतझड़ जो बाग़ उजाड़े, वो बाग़ बहार खिलाये जो बाग़ बहार में उजड़े, उसे कौन खिलाये, हो उसे कौन खिलाये हम से मत पूछो कैसे मंदिर टूटा सपनों का हम से मत पूछो कैसे मंदिर टूटा सपनों का लोगों की बात नहीं है ये किस्सा हैं अपनों का कोइ दुश्मन ठेंस लगाये तो मीत जिया बहलाये मनमीत जो घांव लगाये, उसे कौन मिटाये ना जाने क्या हो जाता जाने हम क्या कर जाते ना जाने क्या हो जाता जाने हम क्या कर जाते पीते हैं तो ज़िंदा है ना पीते तो मर जाते दुनिया जो प्यासा रखे तो मदिरा प्यास बुझाये मदिरा जो प्यास लगाये, उसे कौन बुझाये, हो उसे कौन बुझाये
Sanatçı: Sachin Gupta
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 4:11
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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