sachin gupta jahan bhi yaad teri şarkı sözleri
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जहाँ भी याद तेरी आएगी
वहीं पे बैठ के रो दूँगा
जहाँ भी खुश्बू तेरी आएगी आ
वहीं पे मैं साँसें लूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जहाँ भी याद तेरी आएगी आ
वहीं पे बैठ के रो दूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
अपने भी देखे यहाँ पे
सपने भी देखे यहाँ पे
अपनो का अब बता मैं क्या करूँगा
अपने फिर छ्छूते यहाँ पे
सपने फिर टूटे यहाँ पे
जन्नतों का अब बता मैं क्या करूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जहाँ भी याद तेरी आएगी
वहीं पे बैठ के रो दूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
तूने मुझे अधूरा किया
तूने मुझे तन्हा किया
मैं जलता रहा मैं जलता रहा
तेरे बिन मैं यहाँ
तूने मुझे अधूरा किया
तूने मुझे तन्हा किया
मैं जलता रहा मैं जलता रहा
तेरे बिन मैं यहाँ
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जहाँ भी याद तेरी आएगी
वहीं पे बैठ के रो लूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा
जैसा भी हूँ जी लूँगा

