sachin gupta maine dil se kaha [lofi] şarkı sözleri
बेचारा कहाँ जानता है
खलिश है यह क्या खला है
शहर भर की ख़ुशी से
यह दर्द मेरा भला है
जश्न यह रास न आये
मज़ा तोह बस
ग़म में आया है
मैंने दिल से कहा
ढून्ढ लाना खुशी
नासमझ लाया ग़म
तो यह ग़म ही सही
कभी है इश्क़ का उजाला
कभी है मौत का अँधेरा
बताओ कौन बेस होगा
मैं जोगी बनू या लुटेरा
कई चेहरे हैं इस दिल के
नजाने कौनसा मेरा
मैंने दिल से कहा
ढून्ढ लाना खुशी
नासमझ लाया ग़म
तो यह ग़म ही सही
मैंने दिल से कहा
ढून्ढ लाना खुशी
नासमझ लाया ग़म

